वक्त की कदर करो, नहीं तो पछताना पड़ेगा

 वक्त रेत की तरहां होता जो लगातार हाथसे फिसल रहा है, पर आज भी हम सोच रहे हैं की हमे क्या करना है। वक्त कभी हम पे रहम नहीं करता, वह बस चलता रहता है और एक दिन हमारे जीवन से चला जाता है। उसके रहते ही आप अपने जीवन का निर्माण करलो, और ये संभव है आपकी सोच से।

“रेत-घड़ी में गिरती रेत, समय के लगातार बहने का प्रतीक।”
“वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, इसे आज ही समझो और संभालो।”


हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही जीवन बनाते हैं...


    हमारे जीवन का निर्माण कोई और नहीं, हम स्वयं करते हैं। जैसा हम सोचते हैं, वैसा ही हमारा भविष्य आकार लेता है। हम अक्सर एक निश्चित रास्ता पकड़ लेते हैं और उसी पर पूरी उम्र चलते रहते हैं — बिना यह सोचे कि क्या यही हमारा उद्देश्य था?

   हम इस धरती पर कुछ करने, कुछ बड़ा बनने, अपने अंदर की शक्ति को पहचानने आए हैं। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि हम रास्ता भटक जाते हैं। हमारे सामने सही मार्ग होता है, फिर भी हम गलत दिशा में मुड़ जाते हैं — क्योंकि उस समय वही हमें सही लगता है। पर हमें समझना चाहीए जो अभी हमें सही लग रहा है उससे हमारा कैसा भविष्य बनेगा। क्या वह हमें खुशी दे पायेगा या उससे हमें दर्द मिलेगा।

🔹 इंद्रियों का सुख और मन की अधूरी समझ


पर हम में से ज़्यादातर लोग यह नहीं सोचते कि हमें क्या संतुष्टि देगा, बल्कि यह सोचते हैं कि अभी क्या अच्छा लग रहा है। हमारी इंद्रियाँ तात्कालिक सुख की ओर दौड़ती हैं, और हम उसी के पीछे भागते हैं। ऐसा नहीं है की हमें समझ नहीं है और हम कुछ जानते नहीं। हम सब जानते हैं, पर क्यूकी हमारा मन प्रबल‌ होता है और हम उसके अधीन, वह कभी हमें अपने कम्फर्ट से बाहर नहीं जाने देगा, उसे जो अच्छा लगता वह वहीं करेगा। वह बस मज़ा ढुंढता है और वह जहां मिले वहा चला जाता है। उस वक्त हम सही निर्णय नहीं ले पाते।

असल में, सही निर्णय लेने की समझ धीरे-धीरे विकसित होती है — और वो भी तब, जब हम ठोकरें खाते हैं। जब तक हम खुद को नहीं समझाते, तब तक हमारा मन ही हमारा मालिक बना रहता है और वही हमें चलाता है।

“दोराहे पर खड़ा व्यक्ति, जीवन में सही निर्णय लेने का प्रतीक।”
“आपका हर निर्णय आपका भविष्य तय करता है।”



🔹 मन को दिशा दो, वरना वह तुम्हें दिशा बदल देगा


मन बहुत शक्तिशाली है। उसमें वह ताक़त है कि जो हम सोचते हैं, उसे वह हकीकत में बदल सकता है। लेकिन दिक्कत ये है कि हम उसे कभी सही दिशा नही देते, और वह हमें ही गलत रास्तों पर घुमा देता है। हम उसे कभी बताते ही नहीं की क्या करना है और फिर वही हमारी बागौर हाथ में ले लेता हैं , फिर हम भटकते रहते हैं।

हमें उसे आदेश देना सीखना होगा। वरना हमारा जीवन एक सीमित समय की उलटी गिनती बनकर रह जाएगा — और हम “फिर कभी” कहते-कहते वक्त खो बैठेंगे।

“सूर्योदय के समय आगे दौड़ता व्यक्ति, सपनों को पूरा करने की ओर बढ़ता हुआ।”
“जो करना है, उसे आज ही करो — समय किसी का इंतज़ार नहीं करता।”


🔹 हर उम्र की एक प्राथमिकता होती है


हर जीवन-चरण की अपनी ज़िम्मेदारियाँ होती हैं। अगर आप आज अपने सपनों को टालते हैं, तो कल की ज़िम्मेदारियाँ शायद आपको वह मौका ही न दें। इसलिए — जो करना है, उसे आज ही करें। जितना जल्दी आप एक्शन लेंगे, उतनी जल्दी आप सफलता की ओर बढ़ेंगे। नहीं तो एक दिन आप सिर्फ सोचते रह जाएंगे — और समय चुपचाप निकल जाएगा।


🔚 निष्कर्ष: वक्त को टालना मत, समझो और संभालो


ज़िंदगी की सबसे बड़ी परेशानी यही है —

जब वक्त हमारे पास होता है, हम समझते नहीं...

और जब समझ आने लगती है, तब वक्त

 हमारे पास नहीं होता।


  • इसे और बेहतर समझने के लिए और पढ़ें: “[Time slips through our hands like grains of sand…]” — Robin S. Sharma “द्वारा यह प्रेरक उद्धरण बताता है कि जैसे समय रेत की तरह हमारे हाथों से फिसलता चला जाता है, उसे बुद्धिमानी से उपयोग करने वालों को ही समृद्ध और संतोष देने वाला जीवन मिलता है ।

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